Veer Bal Diwas:वीर बाल दिवस क्यों मनाते हैं?

Veer Bal Diwas 2024 : वीर बाल दिवस क्यों मनाते हैं? 2024 का सम्पूर्ण गाइड

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नमस्कार दोस्तो, स्वागत है आपका आपके अपने ब्लॉग पेज नईसोच न्यूज़ पे।वीर बाल दिवस, जो हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है, भारतवासियों के लिए साहिबजादों की शहादत की याद दिलाने वाला एक ऐतिहासिक अवसर है।वीर बाल दिवस क्यों मनाते है | Veer bal diwas kyu manate hai जानिए इस दिन का महत्व।
इस परम्परा का शुरुआत आज से २ साल पहले २०२२ को हमारे लोकप्रिय प्रधान मंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। हम सभी के मन में ये स्वाभाविक सा प्रसन रहता है की आखिर वीर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है | Veer bal diwas kyu manate jata hai, या बहुत से हमारे दोस्त वीर बाल दिवस पर निबधveer bal diwas par nibandh की खोज में होंगे ।

हर साल २६ दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को सिख के दसवे गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के २ छोटे पुत्र साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की अद्वितीय शहादत की स्मृति में मनाया जाता है।

वीर बाल दिवस का ऐतिहासिक महत्व

साल 1705 में पंजाब के मुग़ल शासक औरंगजेब का आतंक चरम पे था , उसी समय उसने श्री गुरु गोबिंद साहब के परिवार को निशाने पे लिए। जैसा की इतिहास में दर्ज है उनके परिवार के एक रसोइये गंगू के कारण उनके परिवार  को सरहिंद के नवाब वजीर खां के हाथों पकड़वा दिया।
नवाब वजीर खां ने गुरु गोबिंद सिंह के पुत्र साहिबजादों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने अपने विश्वासों और सिद्धांतों से समझौता करने से इनकार कर दिया। यह जानते हुए कि उनके फैसले की कीमत उनकी जान हो सकती है, दोनों साहिबजादों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। अंततः 26 दिसंबर 1705 को उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया। उनकी दादी, माता गुजरी, ने इस खबर के सदमे में प्राण त्याग दिए।

वीर बाल दिवस की शुरुआत

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हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 प्रकाश पर्व के दौरान घोषणा किया की हर साल २६ दिसंबर को हम वीर बाल दिवस के रूप में मनाएंगे। यह दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं है, बल्कि यह नई पीढ़ी को सिख इतिहास के इन गौरवशाली पलों से परिचित कराने और उन्हें सत्य, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का अवसर है।

साहिबजादों का बलिदान: नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

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गुरु गोबिंद सिंह के पुत्र साहिबजादों की शहादत केवल उनके धर्म की रक्षा तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह मानवता, सच्चाई और न्याय के आदर्शों की मिसाल थी। उन्होंने हमें यह सिखाया कि अपने मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

वीर बाल दिवस का संदेश

दोस्तों वीर बाल दिवस केवल एक दिन ही नहीं है , ये हमें सत्य धरम एवं साहस की याद दिलाता है। ये दिन हमेशा हमारे आने वाले पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का मानक बनेगा।
आज के समय में, जब भी हम नैतिकता और आदर्शों की चुनौतियों का सामना करेंगे, साहिबजादों की गाथा हमें सही दिशा में प्रेरित करती रहेगी।

निष्कर्ष 

प्यारे दोस्तों , साहिबजादों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके द्वारा जो साहस एवं आपने धर्म के प्रति जो निष्ठा दिखाया गया है वो हमेशा हमारे समाज के जरूर ही प्रेरणा का स्रोत रहेगा। हमें ज्यादा से ज्यादा अपने बच्चो को इस महान कहानी को सुनाना एंड बताना चाहिए।
इस वीर बाल दिवस पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि उनके बलिदान को याद करते हुए, हम अपने जीवन में सत्य, साहस और धर्म के मार्ग पर चलेंगे।

आइए, उनके बलिदान को नमन करें और उनकी विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास करें।

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